क्रोध हमेशा मूर्खता से शुरू होकर पश्चाताप पर समाप्त होता है। You Might Also Like थक कर बैठा हूँ, हार कर नहीं.. सिर्फ बाज़ी हाथ से निकली है…ज़िन्दगी नहीं..! December 6, 2021 चाल अच्छी हो तो प्यादा भी राजा पर भारी पड़ता है!! December 6, 2021 कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिए, भीड़ साहस तो देती है, मगर पहचान छिन लेती है। December 7, 2021