“कठोर वाणी अग्नि दाह से भी अधिक तीव्र दुःख पहुँचाती है।” You Might Also Like “अन्न के सिवाय कोई दूसरा धन नहीं है।” December 11, 2021 “मनुष्य की वाणी ही विष और अमृत की खान है।” December 24, 2021 “सिंह भूखा होने पर भी तिनका नहीं खाता।” December 11, 2021